22 January 2024:-आज का पंचांग क्या है , पंचांग की क्या मान्यता है

22 January 2024-आज का पंचांग क्या है
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आज का पंचांग क्या है

22 January 2024-आज का पंचांग क्या है (1)
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पंचांग तथा इसकी विशेषता क्या है? हिन्दू धर्म के के मान्यता के अनुसार पंचांग की एक अपनी ही विशेषता है और हर कोई चाहता है की उसका पूरा दिन अच्छा रहे और अच्छे से अपने काम को करना चाहता है दिन का सबसे अच्छे समय कौनसा है और दिन के किस समय कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए,

पर्सनल लाइफ से लेकर प्रोफेशनल लाइफ तक हमारे जितने भी फैसले है वह सब सही जाए , घर से लेकर दफ्तर तक हमारा दिन अच्छा बीते, हमारे जीवन में सकारात्मकता बनी रहे तो इसके लिए हमारे शुभ तथ अशुभ घरियो के बारे में हमे पता होना चाहिए , और किसी भी महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए सबसे अच्छा समय कौनसा है इसी की जानकारी हमें आज के पंचांग से मिलती है।

दैनिक पंचांग का मुख्य अंग क्या है (आज का पंचांग क्या है )

आज के पंचाग से हमें आज की तिथि, आज कौनसा वार है, चंद्र किस राशि में है, किस नक्षत्र में है, चंद्र शुभ प्रभाव डाल रहा है की नहीं, आज का सूर्यादय का समय साथ ही सूर्यास्त किस समय होगा , चंद्रोदय कब होगा, अभी कोनसा पक्ष चल रहा है , आज का करण क्या है , आज कौन से योग बन रहे है , पुर्णिमांत क्या है ,अमानत क्या है , सूर्य किस राशि में है किस नक्षत्र में है , ऋतू कौनसी है , आज का अयन क्या है , आज का शुभ समय क्या है और शुभ काल कौन सा है , अशुभ समय कब से कब तक रहेगा इन सब के बारे में आज के पंचांग से पता लगता है।

आज का पंचांग हमारे दैनिक कार्यो के लिए बेहद ही कारगर होता है और रोजमर्रा की जिंदगी के लिए काफी मददगार होता है इससे हमें पता होता है की कौनसा समय शुभ है या कौनसा नहीं जिससे आप अपने महत्वपूर्ण कार्यो का निर्णय ले सकते है जो की आपको शुभ परिणाम देगा पंचांग की मदद से आप अपने दिन को और भी बेहतर बना सकते है यदि हमारा समय शुभ नहीं है तो आप अपने कार्य को थोड़ा सा विलम्भ कर सकते है आवयसक कार्यो को बिना किसी भी परेशानी के कर सकते है और आपका दिन अच्छा गुजरता है यदि हम देखे तो पंचांग के द्वारा आप अपने समय के अनुसार सतर्क रह सकते है।

22 January 2024-आज का पंचांग क्या है (2)
22 January 2024-आज का पंचांग क्या है (2)

पंचांग के मुख्य पांच अंग है

तिथि, वार, नक्षत्र, योग, तथा करण

तिथि

एक महीने में दो पक्ष होते है और हर एक पक्ष में पंद्रह तिथि होती है पहली तिथि को प्रतिपदा कहा जाता है और और यदि कृष्ण पक्ष में पड़ता है तो कृष्णा प्रतिपदा कहा जाता है शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले को शुक्ल प्रतिपदा कहा जाता है कृष्णा पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहा जाता है और शुक्ल पक्ष के समापन को पूर्णिमा।

वार

एक सप्ताह में सात वार होते है जिन्हे आप जानते ही है , सोमवार, मंगलवार, बुधवार,वीरवार, शुक्रवार,शनिवार,रविवार

नक्षत्र

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 27 नक्षत्र है पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा जिस नक्षत्र में रखा गया है उसी के नाम से हिन्दू महीने के नाम रखे गए है।

योग

योग तो वैसे अलग अलग संख्या में होते है इनकी संख्या 300 से भी ऊपर है किन्तु मुख्यत ये केवल 27 ही है।

करण

करण किसी भी तिथि  का आधा हिस्सा होता है और हर एक तिथि में दो करण होते है महीने के दोनों पक्षों को मिलाके 30 तिथि बनती है और इस प्रकार करणो की संख्या 60 हो जाती है।

Conclusion:-

The website surely does not guarantee the 100% accuracy of the figures. The above information is sourced from Google and various websites/ news media reports.

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