जाने आखिर ब्लैक होल क्या होता है और इसके बारे में इसरो ने क्या की खोज
इसरो का यह नया मिशन स्पेस से रिलेटेड सबसे बड़ा मिशन है और इस मिशन के लिए इसरो काफी ज्यादा गंभीर है और वह यह जानना चाहता है की आखिर ब्लैक होल है क्या और इसके पीछे का राज किया है आपने तो ऐसा बस फिल्मो में ही सुना होगा किन्तु आज आप देख लीजिये की इसरो आखिर कार कितना बड़ा कमाल करने की सोच रहा है और अपना पहला कदम भी बड़ा चूका है ।

इसरो यदि अपने नए मिशन में काम हो जाता है तो यह भारत के साथ साथ पुरे विश्व में गर्व की बात होगी क्यूंकि पूरी दुनिया भी इस ब्लैक होल के बारे में जानना चाहते है और इसके बनने का सच क्या है साल २०२३ अंतरिक्ष मिशन के लिए जाना जाता है और काफी ऐतिहासिक चीजे इस साल हुई है जैसे की चंद्रयान का चाँद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचना और चंद्रयान ३ को उतारकर वहा पर तिरंगा लहराना और तो और आदित्य l 1 का लांच जो की सूर्य की तरफ बढ़ाया हुआ कदम है ।
अब आगे इसरो का क्या करने का इरादा है और इसरो 2024 ऐसा क्या प्लान कर रहा है जिससे वह स्पेस के बारे में काफी कुछ जान सकता है और इस चीज के लिए इसरो काफी ज्यादा गंभीर है लेकिन 2024 की शुरुवात में ही इसरो ने स्पेस में XpoSAT नाम का satelite भेजा है जो की ब्रह्माण्ड के बहुत से अनसुने राज खोलेगा और यह 2024 की शुरुवात का सबसे अच्छा तरीका है और जो बाते केवल फिल्मो और टीवी पर ही सुनी गयी थी इसरो उसको सच में दुनिया के सामने लाना चाटता है और उसके लिए इसरो ने अपना पहला कदम बढ़ा भी लिया है।
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इसरो ब्लैक होल के साथ साथ आकाशगंगा, पल्सर और रेडिएशन समेत बहुत से रहस्य को जानने के बेहद ही उत्सुक है और इस उत्सुकता को आप PSLV राकेट के लांच से समझ सकते है इस बार इसरो कुछ धमाकेदार चीजों का पता लगाएगा जिससे हम स्पेस के बारे में और भी ज्यादा जान पाएंगे ।
साल २०२३ में चंद्रयान के सफलपूर्वक पहुंचने के बाद इसरो ने २०२४ के लिए अपनी पहली उड़ान भर दी है और राकेट को पृथ्वी के निचले कक्षा की और भेजा गया है जहा पर वह XpoSAT satellite को उतारेगा , यह वही जगह है जहा से धरती का अंत और अंतरिक्ष की शुरुवात होती है। और ऐसा करने वाला भारत दुनिया का सबसे पहला देश बन चूका है।

आखिर मिशन क्या है
इसरो ने इस वर्ष के पहली ही तारिक को PSLV C58 मिशन के तहत सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने राकेट की उड़ान दी। और भारत का यह पहला एक्स रे पोलीमेटर satellite अंतरिक्ष के अंदर काफी चीजों को खोज पा रहा है जिसकी बारे में केवल आपने किताबो में ही पढ़ा होगा इसरो का यह मिशन शुरू करने का केवल और केवल एक ही उद्देश्य है की वह अंतरिक्ष के अंदर आकाशगंगा, ब्लैक होल्स पल्सर और रेडिएशन समेत अन्य बहुत सी चीजों के बारे में खोज कर पाए।
आखिर ब्लैक होल क्या होता है
ब्लैक होल क्या होता है:- ब्लैक होल काले रंग का एक छेद है जो की अनंत अंतरिक्ष में पाया जाता है यह बिलकुल भी दिखाई नहीं देता क्यूंकि यह अपने अंदर सारी की सारी रौशनी को अब्सॉर्ब कर लेता है और यह अंतरिक्ष की सबसे अँधेरी दुनिया है जिसका कोई भी अंत नहीं है और तो और इसके आर पार रौशनी भी नहीं जा सकती है , इसके अंदर मौजूद गुरुत्व कर्षण बल काफी अधिक होता है
और इसका आकर अन्य किसी गयाः या तारे से काफी बड़ा होता है यदि कोई भी चीज इसके करीब जाती है तो यह उसे अपने अंदर समां लेता है इसका समय अपने हिसाब से चलता है । लेकिन इसके अंदर जाने से क्या होगा इसका पता तो तभी लगाया जा सकता है जब ऐसा कुछ एक्सपेरिमेंट किया जाए किन्तु अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।
ब्लैक होल को एक राक्षस माना गया है जो की सबको निगल जाता है इंसानो को इसके बारे में ज्यादा कुछ मालुम नहीं है लेकिन वैज्ञानिक ऐसा दावा जरूर करते है की इसके अंदर जाने के वापसी नहीं होती है।
आखिर ब्लैक होल कैसे बनता है
ब्लैक होल के निर्माण के बारे पुख्ता तो कुछ भी जानकारी नहीं है लेकिन वैज्ञानिको का मानना है की जब भी कोई तारा अपने अंतिम समय में होता है तो वह सिकुड़ने लगता है और फिर इसके अंदर एक सुपरनोवा विस्फोट हो जाता है जिसके कारण ब्लैक होल बनता है और यह विस्फोट इतना विशाल और शक्ति शाली होता है मानो लाखो परमाणु बम के कई गुना संख्या एक साथ फट गए हो