माता सीता का जन्म कैसे हुआ था ? माता सीता के जन्म से जुड़ी 2 कहानी

माता सीता का जन्म कैसे हुआ था माता सीता के जन्म से जुड़ी 2 कहानी
माता सीता का जन्म कैसे हुआ था माता सीता के जन्म से जुड़ी 2 कहानी
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माता सीता का जन्म कैसे हुआ था ? पहली कथा 

माता सीता का जन्म कैसे हुआ था पहली कथा 
माता सीता का जन्म कैसे हुआ था पहली कथा

क्या आप सब जाते है की माता सीता का जन्म किस प्रकार हुआ तो आप बिलकुल सही लेख पर आये है आज के इस लेख में मैं आपको बताऊगाँ की माता सीता का जन्म कैसे हुआ और उनका विवाह राम जी से कैसे हुआ, सीता माता के जन्म के बारे में आज में आपको दो तथ्य बताउगा पहला यह की वह राजा जनक की पुत्री थी और दूसरा यह की वह रावण की पुत्री खैर इसे प्रमाण करने के लिए कोई भी पुख्ता सबूत तो नहीं है।

लेकिन जब हम माता सीता के बारे में जानकरी प्राप्त करने के लिए अपने पुराने ग्रंथो को खोज रहे थे और पढ़ रहे थे तो हमें पता लगा की माता सीता रावण की पुत्री थी चलिए जानते है दोनों ही तथ्य के बारे में जहा पर सीता माता को राजा जनक की पुत्री कहा गया है और एक वह रावण की पुत्री मानी जाती है।

माता सीता जन्म से जुड़ी एक कथा

ग्रंथो की माने तो माता सीता को वेदवती एक पूर्ण जन्म माना गया है जो की विष्णु जी की परम भक्त थी और वह भगवान् विष्णु को अपने पति रूप में पाना चाहती थी और उसके लिए कड़ी तपस्या कर रही थी और एक दिन जब वेदवती कड़ी तपस्या में लीन थी

तभी एक दिन रावण वहा से गुजर रहा था और रावण वेदवती की सुंदरता को देख मन्त्रमुक्त हो गया और वेदवती की पास कर उसको उसके साथ चलने को कहा लेकिन वेदवती ने जाने से मना कर दिया , वेदवती के मना करने के कारण रावण को क्रोध आ गया और बलपूर्वक उनको लेजाना चाहा जैसे जी रावण ने वेदवती को स्पर्श किया,वेदवती ने खुद को भस्म कर लिया और रावण को श्राप देते हुए कहा की वह रावण की पुत्री के रूप में जन्म लेंगी और उसके मृत्यु का कारण बनेगी।

कुछ समय बाद मंदोदरी ने एक कन्या को जन्म दिया लेकिन रावण के मन में श्राप का भय होने के कारण जन्म लेते ही उसने उस कन्या को सागर में फेंक दिया जिसके बाद सागर की देवी ने उस कन्या को धरती की देवी पृथ्वी को सौंप दिया और फिर पृथ्वी माता ने उस कन्या को राजा जनक और माता सुनैना को सौप दिया जिसके बाद राजा जनक ने सीता माता का पालन पोषण किया और फिर उनका विवाह श्री राम जी से करवा दिया

फिर वनवास के दौरान रावण के माता सीता का अपहरण किया और फिर राम जी रावण का अंत कर दिया और सीता माता रावण के वध का कारण बनी, रामायण के अंदर माता सीता को जानकी के नाम से भी सम्बोधित क्या है देवी सीता मिथिला नरेश की जनक की पुत्री थी इसलिए उन्हें जानकी के नाम से जाना जाता है,

माता सीता को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है और राजा दशरथ के पुत्र श्री राम स्वयं विष्णु के अवतार माने जाते है और देवी लक्ष्मी विष्णु जी की पत्नी है, विवाह के बाद माता सीता को राम जी के साथ 14 साल का वनवास सहना पड़ा इस तथ्य से हमें यह पता चलता है की देवी सीता राजा जनक की गोद ली हुई पुत्री थी,

माता सीता का जन्म कैसे हुआ था दूसरी कथा
माता सीता का जन्म कैसे हुआ था दूसरी कथा

माता सीता का जन्म कैसे हुआ था ? दूसरी कथा

यदि हम वाल्मीकि रामायण के अनुसार देखे तो एक बार मिथिला राज्य में भयंकर सूखा पड़ा और इस से राजा जनक बेहद ही परेशान थे और इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए एक ऋषि ने उन्हें यज्ञ करने तथा धरती पर हल चलने की राय दी थी उस ऋषि के सुझाव पर राजा जनक ने यज्ञ करवाया और धरती को जोतने लगे और धरती को जोतते समय उन्हें सोने की कलिया में मिटटी में लिपटी हुए एक सुन्दर सी कन्या मिली और राजा जनक की कोई संतान तो थी नहीं तो राजा जनक ने उस कन्या को हाथो में लेके उस कन्या का नाम सीता रखा और पुत्री के रूप में अपना लिया। माता सीता के जन्म को लेकर यह दो कथा है अब इनमे से कौनसी सच है और कौनसी झूट यह तो केवल भगवान् ही बता सकते है।

Conclusion:-

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