Masik Durga Ashtmi 2024: सावन में कब है मासिक दुर्गाष्टमी जाने पूजा विधि शुभ मुहूर्त और उपाय

Masik Durga Ashtmi 2024: सावन में कब है मासिक दुर्गाष्टमी जाने पूजा विधि शुभ मुहूर्त और उपाय
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Masik Durga Ashtmi का व्रत प्रत्येक महिने के शुक्ल पक्ष के अष्टमी को किया जाता है दुर्गाष्टमी का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है यह दिन विशेष रुप से जगत की देवी दुर्गा के पूजा के लिए समर्पित होता है इस दिन जगत की देवी मां दुर्गा की पूरे विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। साथ ही मां दुर्गा के लिए ऊपवास भी रखा जाता है।

 सावन मसिक दुर्गा अष्टमी व्रत 2024 

Masik Durga Ashtmi का व्रत प्रत्येक महिने के शुक्ल पक्ष के अष्टमी को किया जाता है दुर्गाष्टमी का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है यह दिन विशेष रुप से जगत की देवी दुर्गा के पूजा के लिए समर्पित होता है इस दिन जगत की देवी मां दुर्गा की पूरे विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। साथ ही मां दुर्गा के लिए ऊपवास भी रखा जाता है।

दुर्गा अष्टमी के दिन माता दुर्गा की पूजा उपासना करने से सभी प्रकार की मनोकामना की पूर्ती होती है साथ ही जीवन में ढेर सारी खुशियों का आगमन होता है। अतः साधक श्रद्धा भाव से जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करते हैं। तो आईए जानते है मासिक दुर्गा अष्टमी कब है?दुर्गा अष्टमी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त । 

Masik Durga Ashtmi
Masik Durga Ashtmi

मासिक दुर्गाष्टमी कब है ?

पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 12 अगस्त दिन सोमवार को भारतीय समयानुसार सुबह 07 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 13 अगस्त दिन मंगलवार को सुबह 09 बजकर 31 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व 13 अगस्त को ही मनाया जाएगा.

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत की पूजा विधि

सावन Masik Durga Ashtmi की पूजा विधि

Masik Durga Ashtmi का व्रत रखने के लिए व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करे इसके बाद पूरे घर और मन्दिर में गंगाजल से छिड़काव करे।

अब पूजा स्थल पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर माता महागौरी या दुर्गा जी की प्रतिमा स्थपित कर दे। पूजा में महागौरी को श्रृंगार की वस्तुये जैसे चूड़ी बिंदी सिंदूर चुनरी चढ़ाए और साथ ही सफेद और पीले पुष्प अर्पित करे।

इसी के साथ माता को पूड़ी, चने, हलवे का भोग लगाएं ऐसा करने से देवी महागौरी प्रसन्न होती है।इसके बाद हाथ में जल और अक्षत लेकर दुर्गा अष्टमी व्रत करे तथा मां महागौरी की पूजा करने का संकल्प ले।  अंत में माता महागौरी के सामने घी का दीप प्रज्ज्वलित करे और अंत में पुरी श्रद्धा भाव के साथ माता की आरती करे । 

 शुभ मुहुर्त 

ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 12 अगस्त को भारतीय समयानुसार सुबह 07 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 13 अगस्त को सुबह 09 बजकर 31 मिनट पर होगा। अत: 13 अगस्त को सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी है।

माता दुर्गा को प्रसन्न करने के उपाय

1. अष्टमी की रात घर में या दुर्गा मंदिर में जाकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए एसा करने से मां महागौरी प्रसन्न होती है जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है।

2. अष्टमी की रात को घर में या दुर्गा के मंदिर में जाकर उनके चरणों में 8 कमल के फूल अर्पित करने से विशेष लाभ होता है। 

3. अष्टमी की रात दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। ऐसा करने से घर में घन धान्य के भंडार भरते है 

4. दुर्गाष्टमी की रात को अपने घर के मुख्य दरवाजे पर घी का एक दीपक जरूर जलाएं। माना जाता है कि इससे सारे ग्रह दोष दूर होते हैं और सौभाग्य की वृद्धि होती है।

 

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