Akbar birbal ki kahani in Hindi
बहुत समय पहले की बात है, अकबर के दरबार में बीरबल की बुद्धिमानी की चर्चाएं होती थीं। एक दिन अकबर ने बीरबल की परीक्षा लेने का निश्चय किया। उन्होंने बीरबल को बुलाकर कहा, “बीरबल, मैंने सुना है कि तुम किसी भी समस्या का समाधान कर सकते हो। क्या तुम जंगल में जाकर शेर को पकड़कर ला सकते हो?”
बीरबल ने हँसते हुए कहा, “जहांपनाह, आप मेरे ऊपर इतना विश्वास करते हैं कि मैं किसी भी काम को कर सकता हूँ। मैं अवश्य ही यह कार्य करूंगा।”
बीरबल ने जंगल में जाने की तैयारी की। उसने अपने कुछ विश्वसनीय साथियों को बुलाया और उनके साथ जंगल की ओर रवाना हो गया। जंगल में पहुँचने पर उन्होंने शेर के पंजों के निशान ढूंढने शुरू कर दिए। बहुत समय बीतने के बाद भी उन्हें शेर के निशान नहीं मिले। बीरबल ने सोचा कि शेर को पकड़ने के लिए कोई चालाकी अपनानी पड़ेगी।
उन्होंने अपने साथियों से कहा, “हम सभी एक स्थान पर मिलकर बैठेंगे और भोजन करेंगे। शेर को हमारी खुशबू आएगी और वह स्वयं यहाँ आ जाएगा।”
सबने मिलकर एक जगह पर खाना बनाना शुरू किया और उसके स्वादिष्ट पकवानों की खुशबू जंगल में फैलने लगी। शेर ने जब वह खुशबू सूंघी तो वह भी उस ओर आकर्षित हो गया। शेर धीरे-धीरे बीरबल और उनके साथियों की ओर बढ़ने लगा। बीरबल ने देखा कि शेर पास आ रहा है तो उसने अपने साथियों से कहा, “सब लोग शांत रहें और अपनी जगह पर बैठे रहें।”
जब शेर पास आ गया तो बीरबल ने अपनी समझदारी का परिचय दिया। उसने शेर को संबोधित करते हुए कहा, “हे शेर, हम तुम्हारे जंगल में आए हैं और हम तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुँचाना चाहते। हम केवल चाहते हैं कि तुम हमारे साथ चलो और बादशाह अकबर से मिलो। बादशाह अकबर तुम्हें देखना चाहते हैं और तुम्हारी ताकत की सराहना करना चाहते हैं।”
Akbar birbal ki kahani
शेर ने बीरबल की बात सुनी और उसकी बुद्धिमानी से प्रभावित हुआ। उसने सोचा कि यह इंसान कितना समझदार है जो सीधे-सीधे मुझे मारने की बजाय मुझे आदरपूर्वक बादशाह के सामने पेश करने की बात कर रहा है। शेर ने बीरबल की बात मान ली और उनके साथ चलने को तैयार हो गया।
बीरबल और उनके साथी शेर को लेकर वापस दरबार की ओर चल पड़े। जब वे दरबार पहुँचे तो बादशाह अकबर ने शेर को देखकर आश्चर्य से पूछा, “बीरबल, यह कैसे संभव हुआ?”
बीरबल ने हँसते हुए कहा, “जहांपनाह, इस संसार में कोई भी कार्य असंभव नहीं है। बस हमें अपनी बुद्धि और समझदारी का सही उपयोग करना चाहिए।”
बादशाह अकबर ने बीरबल की बुद्धिमानी की खूब प्रशंसा की और उन्हें इनाम दिया। इस प्रकार, बीरबल ने अपनी चतुराई से एक बार फिर साबित कर दिया कि वह किसी भी समस्या का समाधान कर सकते हैं।
अकबर और बीरबल की यह कहानी हमें सिखाती है कि कठिनाइयों का सामना करने के लिए धैर्य और समझदारी की आवश्यकता होती है। केवल शारीरिक शक्ति ही नहीं, बल्कि बुद्धि का उपयोग भी हमें समस्याओं का समाधान खोजने में मदद करता है।
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अकबर बीरबल के किस्से
प्रश्न 1:अकबर ने बीरबल को किस काम के लिए जंगल भेजा था?
उत्तर: अकबर ने बीरबल को जंगल में शेर पकड़कर लाने के लिए भेजा था।
प्रश्न 2: बीरबल ने शेर को पकड़ने के लिए क्या योजना बनाई?
उत्तर: बीरबल ने अपने साथियों के साथ एक स्थान पर बैठकर भोजन बनाना शुरू किया और उसकी खुशबू जंगल में फैलने दी, जिससे शेर आकर्षित होकर उनके पास आ गया।
प्रश्न 3: शेर ने बीरबल की बात क्यों मानी?
उत्तर: शेर ने बीरबल की बात इसलिए मानी क्योंकि बीरबल ने उसे सम्मानपूर्वक बादशाह अकबर के सामने पेश करने की बात कही, जिससे शेर उसकी बुद्धिमानी से प्रभावित हुआ।
प्रश्न 4: बीरबल शेर को लेकर कहाँ पहुँचे?
उत्तर: बीरबल शेर को लेकर दरबार पहुँचे।
प्रश्न 5: अकबर ने बीरबल की किस बात की प्रशंसा की?
उत्तर: अकबर ने बीरबल की बुद्धिमानी और समझदारी की प्रशंसा की।
प्रश्न 6: इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कठिनाइयों का सामना करने के लिए धैर्य और समझदारी की आवश्यकता होती है। केवल शारीरिक शक्ति ही नहीं, बल्कि बुद्धि का उपयोग भी हमें समस्याओं का समाधान खोजने में मदद करता है।
प्रश्न 7: बीरबल के साथियों ने क्या किया जब शेर पास आ गया?
उत्तर: बीरबल के साथियों ने बीरबल के कहने पर शांत रहकर अपनी जगह पर बैठे रहे।
प्रश्न 8: बीरबल ने शेर को संबोधित करते हुए क्या कहा?
उत्तर: बीरबल ने शेर को संबोधित करते हुए कहा कि वे शेर को कोई नुकसान नहीं पहुँचाना चाहते और केवल चाहते हैं कि शेर बादशाह अकबर से मिले, जो उसकी ताकत की सराहना करना चाहते हैं।
प्रश्न 9: शेर के पास आने पर बीरबल ने अपने साथियों से क्या कहा?
उत्तर: शेर के पास आने पर बीरबल ने अपने साथियों से कहा कि वे शांत रहें और अपनी जगह पर बैठे रहें।
प्रश्न 10: बीरबल की बुद्धिमानी से शेर पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: बीरबल की बुद्धिमानी से शेर प्रभावित हुआ और उसने बीरबल की बात मान ली।