Pitru Paksha 2023: क्या है, महत्व, इस दिन क्या करें

Pitru Paksha 2023
Pitru Paksha 2023
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हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत ज्यादा महत्व है हिंदू पंचांग के अनुसार “Pitru Paksha” पितृ पक्ष की शुरूवात भाद्र पद मास की पूर्णिमा तिथि से होती है और आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि जिसे सर्व पितृ अमावस्या भी कहते हैं को इसका समापन होता है इस बार पितृ पक्ष सितंबर2023 से शुरु होकर 14 अक्टूबर 2023 तक रहेगा पितृ पक्ष के 15 दिन पूर्ण रूप से पितरों को समर्पित होते हैं। पितरों की शांति के लिए इन दिनों श्राद्ध तर्पण किया जाता है।

कहते हैं घर की सुख-शांति और समृद्धि पितरों के आशीर्वाद के ऊपर टिकी रहती है। वहीं अगर पितर थोड़े से भी नाराज हो जाएं तो परिवार में झगड़ा, बीमारी और धन हानि जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पितरों की शांति के लिए हर साल हिंदू अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं यह भी देखा गया है कि जो लोग पितरों को नहीं मनाते वे जीवन में अत्यधिक परेशान रहते हैं। तो चलिए जानते हैं की आखिर पितृपक्ष क्या है?


Pitru Paksha क्या है? 

दोस्तो ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस धरती पर नही है Pitru Paksha उनके लिए और पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म जरूर करने चाहिए ऐसा करने से हमे पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

इस दौरान पितरों की तिथि के अनुसार उनका तर्पण किया जाता है और उनके मनपसंद खाना भी बनाया जाता है मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान सभी पितर पृथ्वी पर आते है वैसे तो पितृ पक्ष सितंबर महीने में समाप्त हो जाता है, लेकिन इस साल यह अक्टूबर महीने में समाप्त होगा ||

पहले सालों के तुलना में इस वर्ष पितृ पक्ष में 15 दिन की देरी हुई है क्योंकि अधिक मास के कारण इस बार सावन दो महीने का था.इसकी वजह से सभी व्रत एवम त्‍योहार 12 से 15 दिन देरी से पड़ेंगे.तो चलिए जानते है पितृ पक्ष के महत्व क्या है ||


Pitru Paksha का महत्व क्या है 

हिंदू धर्म में किसी की भी मृत्यु के बाद उसका श्राद्ध किया जाता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, यह करना बेहद जरूरी एवं अनिवार्य भी होता है. मान्यता है कि श्राद्ध और तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और हमे आशीर्वाद देते हैं। सनातन धर्म में श्राद्धकर्म या पितृ पक्ष की एक अलग ही महत्ता है ।

इस दौरान लोग 15 दिनों तक अपने पितरों का तर्पण और पिंडदान करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि पितृ पक्ष में विधि-विधान से पितरों का तर्पण न किया जाये तो उनकी आत्मा इधर उधर भटकती रहती है । श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है.

कहा जाता है कि पितृ पक्ष में यमराज सभी पितरों को अपने परिजनों से मिलने के लिए मुक्त कर देते है. पितृ पक्ष के दौरान पितर भी अपने परिजनों से मिलने धरती पर विचरण करते हैं. इस लिए इस दौरान श्राद्ध और पिंडदान करने से उनको तृप्ति मिलती है और वो प्रसन्न होकर अपने परिजनों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं. उनके आशीर्वाद से घर परिवार में शांति और सुख-समृद्धि बढ़ती है.


पितृ पृक्ष 2023 श्राद्ध तिथियां 

  • पूर्णिमा का श्राद्ध – 29 सितंबर 2023 (शुक्रवार)
  • प्रतिपदा का श्राद्ध – 29 सितंबर 2023 (शुक्रवार)
  • द्वितीया का श्राद्ध – 30 सितंबर 2023 (शनिवार)
  • तृतीया का श्राद्ध – 1 अक्टूबर 2023 (रविवार)
  • चतुर्थी का श्राद्ध – 2 अक्टूबर 2023 (सोमवार)
  • पंचमी का श्राद्ध – 3 अक्टूबर 2023 (मंगलवार)
  • षष्ठी का श्राद्ध – 4 अक्टूबर 2023 (बुधवार)
  • सप्तमी का श्राद्ध – 5 अक्टूबर 2023 (गुरुवार)
  • अष्टमी का श्राद्ध – 6 अक्टूबर 2023 (शुक्रवार)
  • नवमी का श्राद्ध – 7 अक्टूबर 2023 (शनिवार)
  • दशमी का श्राद्ध – 8 अक्टूबर 2023 (रविवार)
  • एकादशी का श्राद्ध – 9 अक्टूबर 2023 (सोमवार)
  • मघा श्राद्ध – 10 अक्टूबर 2023 (मंगलवार)
  • द्वादशी का श्राद्ध – 11 अक्टूबर 2023 (बुधवार)
  • त्रयोदशी का श्राद्ध – 12 अक्टूबर 2023 (गुरुवार)
  • चतुर्दशी का श्राद्ध – 13 अक्टूबर 2023 (शुक्रवार)
  • सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या – 14 अक्टूबर 2023 (शनिवार)

पितृ पक्ष के दौरान जरूर करे ये काम 

  • पितृ पक्ष 2023 के दौरान घर में साफ सफाई रखनी चाहिए
  • पितृ पक्ष में रोजाना तर्पण करना अनिवार्य माना गया है.
  • पितृ पक्ष के समय में परोपकार और समाज सेवा करें।
  • पितृ पक्ष के दौरान शाम के समय में सरसों के तेल या गाय के घी का दीपक दक्षिण मुखी लौ करके जलाना चाहिए।
  • पितृ पक्ष में पिंड दान करें.
  • इन दिनों में रोजाना पितरों का तर्पण करें और हो सके तो यह किसी ब्राह्मण से करवाएं।
  • पितृ पक्ष 2023 रोजाना पितृ गायत्री मंत्र का जाप करें। ऐसा करने पर पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
  • पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन अवश्य कराएं और अपनी क्षमता के अनुसार दान दक्षिणा दें.
  • पितृपक्ष के दौरान कोई नई चीज खरीदने या कोई भी नया काम शुरू करने से बचना चाहिए.
  • . पितृ पक्ष के दौरान अपने घर के बाहर एक बर्तन में खाना-पानी अवश्य रखनी चाहिए.
  • इन दिनों बनने वाले पकवान पितरों के पसन्द के होने चाहिये और इसके साथ ही इसमें गंगाजल, दूध शहद और तिल का इस्तेमाल होना चाहिए

पितृ पक्ष के दौरान न करे ये काम 

  • इन दिनों में कोई भी नई चीज खरीदकर घर नहीं लाना चाहिए।
  • इन दिनो भूलकर भी नानवेज का सेवन नही करना चाहिए
  • चाहिए और प्याज लहसुन को त्याग देना चाहिए।
  • पितृ पक्ष में बाल, दाढ़ी और नाखूनों को नहीं कटवाना चाहिए। कहते हैं ऐसा करने पर धन की हानि होती है।
  • पितृ पक्ष 2023 के दिनों में मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश भी नही करनी चाहिए
  • पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज पक्षी के रुप में धरती पर आते है इसलिये उन्हे सताना नही चाहिए ऐसा करने से पूर्वज नाराज हो जाते हैं
  • पितृ पक्ष में लोहे के बर्तनों का प्रयोग वर्जित माना गया है
  • पितृ पक्ष 2023 के दौरान घर में किसी भी प्रकार का कलह न करे
  • पितृ पक्ष के दौरान शरीर पर तेल, सोना, इत्र और साबुन आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • मान्यता है श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को 15 दिन तक दूसरे के घर बना खाना नहीं
  • खाना चाहिए और न ही इस दौरान पान खाना चाहिए.

Conclsuion:-

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